श्री विनोद घई अवैतनिक वरिष्ठ प्रबंधक
गुरुब्रह्मा, गुरुव्रिष्णु: गुरुदेवो महेशवर: । गुरुसाक्षात परमब्रह्म तस्मे श्री गुरवे नमः ॥ शांताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं । विश्वधारं गगन सदृशं मेघव्रणशुभगं ॥ लक्ष्मीकांन्तम कमलनयं योगिभिध्य्रानगभयं । वन्देविष्णु भवभयहरं सर्वलोकैकनाथं ॥ कर्पूर गौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेंद्रहारं । सदा वसंत हृदयवारींदे भवं भवानी सहितं नमामि ॥ अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम दालुजवनकृशानु ज्ञानिनामग्रगण्यं । सकलगुनपानिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि ॥ सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वाथसाधिके । शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते ॥
हे प्रभु परमात्मा, सर्व स्वामी सर्वदाता हमें पूर्ण विश्वास, श्रद्धा और भक्ति दो हमें निरोगी और सुयोग्य कर, कल व् देश - सेवा करने की शक्ति, बल बुद्धि तथा मन की दृढ़ता दो । हमारे देश को सुखी समाज , संपत्ति तथा सुमति देते हुए हमें अपनी शरण में लो । " पंजाब सिंध क्षेत्र " सर्वदा उन्नति के शिखर पर रहे , हमारी यह प्रार्थना स्वीकार करो । ओउम, ब्रह्म , सत्यम, निरंकार , अजन्मा, अद्वेत, पुरखा, सर्व व्यापक. कल्याणपुत्र, परमेश्वराएर नामसतंग-नामसतंग-नामसतंग।